तू नहीं है तो जीने का सबब पाऊँ कैसे
मै तो समझता हूँ मगर दिल को समझाऊँ कैसे
लोग पूछते हैं मलाल-ए-दिल की वजह
दिल धड़कने की वजह तू थी बताऊ कैसे
सपने तो आज भी देते हैं दिल पर दस्तक
तेरे बगैर सपनो को सजाउ कैसे
लो एक और आ गयी जुदाई की सालगिरह
अकेले ही ये सालगिरह मनाउ कैसे
ये नहीं के खुदा-परस्त नहीं हैं कलाम
पर खुदाई चली गयी तो खुदा को पाऊँ कैसे