Monday, October 31, 2016

                                हाँ, अब इस देश में.... 

हाँ, अब इस देश में हर बात पे राजनीती होगी
सच्ची बात सस्ती और झूठी पेशकीमती होगी
 ....... हाँ, अब इस देश में हर बात पे राजनीती होगी

दुश्मनों से जंग क़ी तो उठेंगे सवाल
"क्योँ की? कैसे की?" के मचेंगे बवाल
जिन जवानों ने लगाई जान की बाज़ी
ये न सोचेंगे के उनपे क्यां बीती होगी !
..... हाँ, अब इस देश में हर बात पे राजनीती होगी

खून के प्यासे आतंकी क़ो मारा
"क्यों मारा? कैसे मारा? अच्छा था बेचारा!"
ये नहीं सोचेंगे के दहशत के सायें में
देश की जनता हर रोज कैसे जीती होगी
..... हाँ, अब इस देश में हर बात पे राजनीती होगी

समझा करो मेरे यारों के क्यां कहता हैं कलाम
इनपे छोड़ा तो देश को भी कर देंगे नीलाम
देखते ही देखते आएंगे ये दिन
के बुराई के पैरों की अच्छाई जूती होगी
..... हाँ, अब इस देश में हर बात पे राजनीती होगी